सगी बहनों सहित 6 साधक लेंगे जैनेश्वरी दीक्षा, मेंहदी एव हल्दी रस्म के साथ चार दिवसीय महोत्सव का हुआ शुभारंभ

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दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश

छिंदवाड़ा- परिग्रह की चिंता को छोड़, निज के चिंतन को चल पड़े छह साधक…। भारत संतों का देश है, यहाँ विभिन्न संस्कृतियाँ और सभ्यता के लोग निवास करते है। जो अपने अपने धर्म की उपासना करते हैं, किंतु संत किसी मत पन्थ संप्रदाय का नही होता। जैसे सूरज की रोशनी, चंद्रमा की चाँदनी और गंगा का जल सबके लिए एक समान होती है वैसे ही संत भी होते है। यह बात दिगंबर जैनाचार्य 108 श्री विभव सागर जी महाराज ने गुलाबरा जैन मंदिर प्रांगण में जैनेश्वरी दीक्षा समारोह के पूर्व आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने बताया कि छिन्दवाड़ा के इतिहास में यह पहला मौक़ा है जब यहाँ दिगंबर दीक्षा होने जा रही है। जो कि ऐतिहासिक समारोह होने जा रहा है। दीक्षा समारोह में पूरे देश से बड़ी संख्या में साधर्मी बंधु शामिल हो रहे हैं। चार दिवसीय जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव का शुभारंभ रविवार को हुआ। इस दौरान चार राज्यों के छह साधकों को आचार्य श्री विभव सागर जी महाराज जैनेश्वरी दीक्षा देंगे। खास बात यह है कि जैनेश्वरी दीक्षा लेने वालों में दो सगी बहने भी शामिल है। इसके साथ ही महज 16 वर्ष की आयु में बाल ब्रम्हचारी प्रिंस भैया भी मुनि दीक्षा लेने जा रहे हैं। छिंदवाड़ा में आगामी 25 अक्टूबर तक जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।

25 को होगा जैनेश्वरी दीक्षा का मुख्य महोत्सव

छिंदवाड़ा नगर के इतिहास में प्रथम बार जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव आयोजित होने जा रहा है। इसमें आचार्यश्री विभव सागर जी महाराज 6 साधकों को जैनेश्वरी दीक्षा देंगे। आचार्य विभव सागर जी महाराज ने बताया कि भारतभूमि ऋषि-मुनियों की भूमि है। विश्व के सभी देशों में एकमात्र भारत को धर्म प्रधान देश बताया जाता है। दिगंबर साधु धन-संपत्ति सहित सब कुछ त्याग करते हैं और जीव दया के लिए मात्र पिच्छिका, शुद्धि के लिए कमंडल और अध्ययन के लिए शास्त्र रखते हैं। उन्होंने बताया कि जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव 25 अक्टूबर को सुबह 10.31 बजे से श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ऋषभ नगर गुलाबरा में आयोजित होगा।

हल्दी-मेंहदी की रस्म हुई, आज निकलेगी बिनौली

जैनेश्वरी दीक्षा महोत्सव के अंतर्गत रविवार को हल्दी, मेंहदी की रस्म और संगीत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी क्रम में आज दोपहर में बनौली (शोभायात्रा) का आयोजन किया गया है। 24 अक्टूबर को गोदभराई, भजन संध्या का आयोजन होगा।

दीक्षा लेकर वैराग्य पथ पर अग्रसर हो रहे ये साधक

ब्रम्हचारी कस्तूरचंद जैन, सागर
जन्म- 3 मार्च 1948

बाल ब्रम्हचारी संयम भैया, छत्तीसगढ़
जन्म 6 मई 2004

बाल ब्रम्हचारी प्रिंस भैया, मुंगाना
जन्म- 13 सितंबर 2007

डॉ कमलेशचंद्र जैन, इंदौर
जन्म- 1 अगस्त 1960

बाल ब्रम्हचारिणी आरती दीदी, मंडीदीप
जन्म 5 अक्टूबर 1992

ब्रमाहचारिणी रोशनी दीदी, मंडीदीप
जन्म- 14 नवंबर 1998