दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
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दशरथ को हुआ महाशोक, त्यागा अपना देह
छिंदवाड़ा- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम द्वारा अवतरण उपरांत की लीलाओ का मंचन स्थानीय छोटी बाजार परिसर में सतत रूप से जारी है। वरिष्ठ कलाकार संतोष नामदेव ने जानकारी दी कि बीती रात प्रांगण एक मार्मिक प्रसंग का साक्षी बना। मंचन के पांचवे दिन श्री दशरथ देह त्याग की लीला खेली गई। महामंत्री सुमंत के साथ राम लक्ष्मण और सीता वन की ओर निकल पड़ते है। मार्ग में उन्हें राजा गुह, केवट एवं निषादराज आदि लोग मिलते है। केवट श्रीराम को गंगा पार करवाते हैं। गंगा पार के बदले जब श्रीराम केवट को उतराई देते है तब केवट यह कहकर मना कर देते है कि जिस प्रकार मैने आपको गंगा से पार करवाया हूँ उसी प्रकार आप मुझे भवसागर से पार करवा देना। इस प्रकार श्री राम अपने अनुज लक्ष्मण एवं भार्या जानकी के साथ तमसा तट तक पहुँचते है। इधर अयोध्या के महामंत्री सुमंत को खाली हाथ लौटते देख तथा उनके साथ श्री राम को ना पाकर दशरथ को महाशोक होता है। दशरथ के नेत्रों के सामने श्रवण कुमार के माता पिता द्वारा गया श्राप दिखाई देने लगता है एवं कानो में उनकी आवाज गूंजने लगती है। दशरथ पुत्र शोक में बार बार व्याकुल होते है एवं शोक संतृप्त होकर वे अपना देह त्याग देते हैं। समिति के नरेश सरेठा एवं ऋषभ ताम्रकार ने बताया कि रामभोग की सेवा कुमारी दिव्यता मसराम की स्मृति में वीणा महेश मसराम द्वारा दी गई। इसके साथ ही भाग्यशाली दर्शक योजना की सेवा भी वीणा महेश मसराम द्वारा प्रदान की गई।
शुक्रवार को मंचित होगा भरत मिलाप का प्रसंग
मुख्य निर्देशक पं. वीरेंद्र शुक्ल ने बताया कि आज श्री रामलीला मंच पर भरत मिलाप की लीला खेली जाएगी। विगत वर्षो से भरत मिलाप के प्रसंग को देखने के लिए जनता का अपार समूह प्रांगण में उपस्थित होता रहा है। आज भरत की भूमिका में सहनिर्देशक ऋषभ स्थापक एवं शत्रुघ्न की भूमिका में रुद्रांश राजपूत नजर आएंगे।