छिंदवाड़ा- एक्शन.. बेसमेंट के व्यवसायिक उपयोग पर प्रशासन सख्त, 54 तलघरों की 102 दुकानें सील

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दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
9977886526

छिंदवाड़ा- कलेक्टर शीलेंद्रसिंह द्वारा विगत दिनों बेसमैंट में पार्किंग की जगह पर व्यवसाईक उपयोग करने वाले भवन स्वामियों पर कार्यवाही के लिए नगरनिगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर ने ऐसे सभी भवन स्वामियों पर सख्ती बरतने की हिदायत दी थी जो बेसमेंट का कमर्शियल उपयोग कर रहे है। ज्ञात हो की दिल्ली की घटना के बाद प्रदेश भर में अवैध बेसमेंट और बेसमेंट में कोचिंग, दुकानों के साथ व्यावसाइक उपयोग करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई शुरु हुई थी, लेकिन छिंदवाड़ा इससे अछूता रहा। यहां सख्ती तो छोड़ अधिकारियों ने जांच तक नहीं की। तब से लगातार समय सीमा की बैठक में कलेक्टर कारवाई के लिए निर्देशित कर रहे थे। बीते दिनों फिर एक बार कलेक्टर द्वारा समयसीमा की बैठक में नगरनिगम सीमा क्षेत्रांतर्गत व्यवसायिक उपयोग के भवनो में बिना अनुमति बनाये गये बेसमेंट एवं बेसमेंट में जारी पार्किंग हेतु अनुज्ञा के विरूद्ध बेसमेंट में दुकाने/गोदाम खोलकर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है जिससे उक्त व्यवसायिक भवनो की पार्किंग रोड पर होती है जिससे आवागमन एवं यातायात बाधित होता है। ऐसे भवनो की जांच कर कार्यवाही करने हेतु कलेक्टर द्वारा एडीएम के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसमे अतिरिक्त कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं आयुक्त नगर निगम छिन्दवाडा द्वारा जांच कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देश दिये गये थे। जिसके बाद गुरुवार को अतिरिक्त कलेक्टर एवं टीम द्वारा अवैध संचालित तलघरों का निरीक्षण किया गया निरीक्षण पश्चात अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा सभी बेसमेट भवन मालिको को उक्त बेसमेटों में अवैधानिक रूप से संचालित व्यवसायिक गतिविधियों को बंद कर आगामी तीन दिवस में पार्किंग व्यवस्था किये जाने के सूचना पत्र दिये जाने हेतु निगम को निर्देशित किया गया। एडीएम के हरकत में आते ही निगम के अफसर भी एक्शन मोड़ में आते दिखे। नगर निगम द्वारा शहर के उन सभी भवन मालिको को नोटिस जारी कर दिए गए जो बेसमेंट में पार्किंग की जगह उसका व्यवसाईक उपयोग कर रहे है थे। भवन मालिको को स्पष्ट कर दिया गया था की निर्धारित समयावधि में तीन दिवस के भीतर पार्किंग व्यवस्था बहाल न करने की स्थिति में प्रशासन द्वारा कठोर कदम उठाये जायेगे जिसके लिए भवन मालिक स्वयं जिम्मेदार होगे। समय सीमा समापत होने के बाद भी जब भवन मालिको ने बेसमेंट खाली नहीं किए तो बुधवार को सुबह से ही जिला प्रशासन के अधिकारी दल बल के साथ सड़क पर उतरे और पूरे शहर में एक साथ बेसमेंट को सील करने की कार्यवाही प्रारंभ की, प्रशासन के ताबड़ तोड़ एक्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कार्यवाही के लिए अधिकारियों के नेतृत्व में तीन अलग अलग टीमें बनाई गई थी जो शहर के अलग अलग इलाको में पहुंची और बेसमेंट में लाता लगाया। इस दौरान सभी टीमों के साथ सुरक्षा के मद्देनजर वज्र वाहन के साथ क्यूआरटी टीम के साथ भारी पुलिस बल मौजूद रहा। कही कही कार्यवाही को लेकर हल्का विरोध भी हुआ। पर प्रशानिक सख्ती के आगे किसी की एक नहीं चली देर शाम तक चली कार्यवाही में जिला प्रशासन, पुलिस एवं नगर निगम के अमले ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 54 तलघरों की 102 दुकानों को सील किया। बुधवार सुबह से प्रारंभ हुई इस कार्यवाही पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों स्वयं सीधी नजर रखे हुए थे।

लगातार जारी रहेगी कार्यवाही

निगम अधिकारियों की माने तो बेसमेंट सीलिंग की ये कार्यवाही शहर ने आगे भी लगातार जारी रहेगी, बुधवार को जो भवन शेष रह गए है वहां गुरुवार को सीलिंग की कार्यवाही की जाएगी, भवनों में मौजूद बेसमेंट में अब सिर्फ वाहनों की पार्किंग होगी, कार्शियल उपयोग होता पाया गया तो सिल किया जाएगा।

शहर में बहुमंजिला इमारतों और कॉम्प्लेक्स संचालकों ने किया ये

शहर के ज्यादातर मामलों में नक्शा पास कराते समय कॉम्पलेक्स संचालकों ने बेसमेंट में पार्किंग के लिए जगह चिन्हित की थी, लेकिन बाद में इसे बेच दिया गया तो कही दुकानें बनाकर किराया वसूला जा रहा है। अब जहां पार्किंग होनी चाहिए थी वहां दुकानें संचालित हो रही है। सड़क पर वाहन खड़े हो रहे हैं। जिसका असर शहर के यातायात पर हो रहा है। कई कॉम्प्लेक्स संचालकों ने तो बेसमेंट ही बेच दिया है।

विगत दिनों कलेक्टर ने ये दिए थे निर्देश

बेसमेंट में दुकानों के संचालन पर सख्त निर्देश देते हुए कलेक्टर श्री सिंह ने कहा था कि “बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग के लिए ही होना चाहिए। किसी भी प्रकार का व्यावसायिक संचालन बेसमेंट में स्वीकार्य नहीं है।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो दुकानदार अभी भी बेसमेंट में व्यापार चला रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और दुकानों को तुरंत हटाया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण और सख्त निगरानी की जाए ताकि शहर में बेसमेंट का दुरुपयोग न हो सके।