दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
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नई कोयला खदानें खोलने सांसद ने शुरू की कवायद
कोल इंडिया के अधिकारियों को कार्य योजना बनाने दिए निर्देश
मंजूरी दिलाने केंद्रीय कोयला मंत्री और पर्यावरण मंत्री से भेंट करेंगे सांसद
छिंदवाड़ा- बगैर किसी ठोस कारणों के बंद कर दी गई कोयला खदानों और नई कोयला खदानों को फिर से खोलने के लिए सांसद विवेक बंटी साहू ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने शनिवार के वेस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड कन्हान और पेंच एरिया के मुख्य महा प्रबंधकों से चर्चा कर योजना तैयार करने के निर्देश दिए। शनिवार को पेंच एरिया के जीएम निर्मल कुमार और कन्हान एरिया के जीएम केडी जैन से नव निर्वाचित सांसद विवेक बंटी साहू ने ज़िले की कोयला खदानों के उन्नयन और कामगारों के हितों को लेकर विस्तार से चर्चा की। सांसद श्री साहू ने दोनों अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए की कामगारों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाकर उनकी समस्याओं का निपटारा प्राथमिकता के तौर पर किया जाना चाहिए। श्री बंटी विवेक साहू ने ऐसी खदानों की जानकारी भी तलब की है जहां कोयले का भंडार होने के बावजूद पर्यावरणीय या अन्य किसी कारण के बंद कर दी गई हैं। साथ ही नई खदानों को खोलने के लिए मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया।
युवा सांसद बंटी विवेक साहू ने कहा है की ज़िले के 50 हज़ार युवाओं को रोजगार मुहैया कराने के लिए वे कृत संकल्पित हैं। नई खदानों के खुलने से जहां बड़ी तादाद में युवाओं को बेहतर रोज़गार मिलेगा वहीं बंद पड़ी कोयला खदानों के उद्धारी करण से ज़िले से अन्यत्र भेज दिए गए कोयला कामगारों की वापसी भी सुनिश्चित होगी। इस संबंध में वे जल्द ही केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात कर नई खदानें खोलने का आग्रह करेंगे। वहीं केंद्रीय वन, जलवायु एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलकर कोयला खदानों को खोलने के लिए पर्यावरणीय अनुमतियों और आपत्तियों के जल्द निराकरण का आग्रह करेंगे।
सांसद बंटी विवेक साहू ने कहा है की खदानों का मुद्दा उनकी प्राथमिक सूची में है, ताकि खदानें खुलने से बड़ी तादाद में युवाओं को रोज़गार मिल सके और व्यापार व्यवसाय में उन्नति और तरक्की हो सके। गौरतलब है की कोयलांचल क्षेत्र ज़िले की शान हुआ करता था, यहां की समृद्धि की चर्चा हर तरफ हुआ करती थी, कोयला खदानों से ज़िले में रोजगार की उपलब्धता तो थी ही और व्यापार को भी बल मिलता था। लेकिन लंबे समय तक दिल्ली में ज़िले का प्रतिनिधित्व करने वालों की राजनीतिक अकर्मण्यता और उदासीनता के चलते खदाने लगातार बंद होती चली गईं। नतीजे में यहां के कामगारों का अन्यत्र ट्रांसफर हो गया वहीं खदानों के बंद होने से कोयलांचल का व्यापार तो ठप्प हुआ ही जिला मुख्यालय का व्यापार भी प्रभावित हुआ है। इसी बात को लेकर सांसद बंटी विवेक साहू ने खदानों का मुद्दा अपनी प्राथमिक सूची में रखा है।