दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
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प्रधानमंत्री श्री मोदी के द्वारा किया गया श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय छिंदवाड़ा का वर्चुअली लोकार्पण
सांसद श्री साहू के मुख्य आतिथ्य में भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का पोला ग्राउंड में हुआ भव्य आयोजन
छिंदवाड़ा- भगवान बिरसा मुंडा जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन जिले के पोला ग्राउंड में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सांसद विवेक बंटी साहू द्वारा देश और समाज के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाले जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को श्रध्दासुमन अर्पित किया गया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा बादल भोई जनजातीय संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण-
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बिहार के जमुई से जिले में स्थित नवनिर्मित श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण किया गया। यह संग्रहालय उन वीर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया।
छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके ने इस अवसर को गौरवशाली पल बताया और कहा कि श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा ने बिना किसी प्रकार के संचार साधनों के बावजूद लोगों का आत्मबल जगाया और उन्हें अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा दी।
कलेक्टर श्री सिंह का संदेश
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने देश के लिए जो संघर्ष किए उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदानों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्होंने आगे कहा कि श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के लिए हमारी कृतज्ञता का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम उनके संघर्षों को सम्मानपूर्वक स्मरण कर सकते हैं।
कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि शासन द्वारा आदिवासी समाज के लोगों के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका लाभ समाज के हर जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने इन योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समाज के विकास और सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अमरवाड़ा विधायक कमलेश प्रताप शाह का संबोधन
अमरवाड़ा विधायक कमलेश प्रताप शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय का लोकार्पण गर्व की बात है। यह संग्रहालय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को स्मरण करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।
विधायक श्री शाह ने भगवान बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि इन महानायकों ने अपने समाज के अधिकारों और स्वाभिमान के लिए जो लड़ाई लड़ी वह हमें हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
सांसद विवेक बंटी साहू का वक्तव्य
सांसद विवेक बंटी साहू ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी सेनानियों ने अपने स्वाभिमान और देश के लिए जो संघर्ष किए, वे हमारे लिए अमूल्य धरोहर हैं। उनका त्याग और बलिदान हमें सिखाता है कि अपने अधिकारों के लिए कैसे खड़ा होना चाहिए।” सांसद ने यह भी कहा कि सरकार आदिवासी समाज के कल्याण और उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आदिवासी समाज के लोगों को विकास और उन्नति के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। श्री बादल भोई जनजातीय संग्रहालय उन बलिदानों की याद दिलाने और उनकी विरासत को संरक्षित करने का एक महान प्रयास है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और आदिवासी कला का प्रदर्शन
आयोजन में आदिवासी संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। नृत्य, नाटक और संगीत के माध्यम से आदिवासी जीवनशैली और परंपराओं को दर्शाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सांसद श्री साहू, महापौर श्री अहके व अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा बच्चों के साथ सहभागिता की गई और उनका उत्साहवर्धन किया गया।
हितग्राही योजनाओं का लाभ वितरण
आदिवासी समुदाय के हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया। कई लाभार्थियों को चेक और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जो उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होंगे।
जनजातीय गौरव दिवस पर धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान मेगा इवेंट का आयोजन
जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत एक भव्य मेगा इवेंट का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विभिन्न विभागों ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई और प्रदर्शनी के माध्यम से अपनी योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी।
सांसद श्री साहू ने किया बादल भोई जनजातीय संग्रहालय का निरीक्षण
सांसद विवेक बंटी साहू सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने बादल भोई जनजातीय संग्रहालय का निरीक्षण किया। संग्रहालय में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की संघर्षपूर्ण कहानियों को दिखाया गया है।
कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष शेषराव यादव, पूर्व विधायक नथन शाह कवरेती, म.प्र.भारिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दिनेश कुमार अंगारिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि, एसपी मनीष खत्री, सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार, उप संचालक कृषि जितेन्द्र कुमार सिंह, उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सतेन्द्र सिंह मरकाम सहित अन्य अधिकारी, पत्रकारगण व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक और आम जन उपस्थित थे।
जाने नवनिर्मित जनजातीय संग्रहालय के बारे में
छिंदवाड़ा का नवनिर्मित श्री बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय उन वीर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। संग्रहालय का निर्माण 40.69 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और यह 8.5 एकड़ भूमि पर स्थित है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 15 अगस्त 2016 को अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को संजोने के लिये विभिन्न राज्यों में संग्रहालय बनाने की घोषणा की थी। इसी पहल के तहत छिंदवाड़ा में इस संग्रहालय का निर्माण किया गया है। यह स्थल पेंच-पचमढ़ी मार्ग पर स्थित है और इसके आसपास भी कई ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल हैं जो जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हैं।
संग्रहालय की मुख्य विशेषताएं
नए संग्रहालय भवन में जनजातीय संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को प्रदर्शित करने के लिए 6 गैलरियों का निर्माण किया गया है। इसके अतिरिक्त, यहाँ एक कार्यशाला कक्ष, एक लाइब्रेरी, कार्यालय के लिए स्थान, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर, शिल्प बाजार (शिल्पग्राम) और एक ट्राइबल कैफेटेरिया भी है।
प्रथम गैलरी रानी दुर्गावती को समर्पित
रानी दुर्गावती के संघर्ष, उनकी वीरता और उनकी महान विरासत को संजोने वाली यह गैलरी उनके शासन, जनजातीय समाज में उनके योगदान और बाहरी आक्रमणकारियों से उनके संघर्ष को प्रदर्शित करती है
गैलरी दो गोंड राजाओं का संघर्ष
दूसरी गैलरी में ब्रिटिश शासनकाल में गोंड राजाओं द्वारा अपने राज्यों की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए किए गए संघर्ष का चित्रण किया गया है। इसमें गोंड जनजातीय राजाओं की स्वतंत्रता की इच्छा और ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ उनकी लड़ाई को दिखाया गया है।
गैलरी तीन जंगल सत्याग्रह
यह गैलरी 1927 के इंडियन फॉरेस्ट एक्ट के विरोध में जनजातीय समाज द्वारा किए गए संघर्ष को ‘जंगल सत्याग्रह’ के रूप में प्रस्तुत करती है। इसमें जंगलों पर अधिकार और वन संसाधनों के उपयोग के लिए जनजातीय समाज के आंदोलन को दर्शाया गया है।
गैलरी चार भील-भिलाला जनजाति का संघर्ष
चौथी गैलरी भील-भिलाला जनजाति के उन वीर सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध का इस्तेमाल किया। यहां भीमा नायक, खाज्या नायक और टंट्या भील जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं का चित्रण है।
गैलरी पांच और छह – कला एवं प्रदर्शनी
गैलरी पाँच और छह को पेंटिंग और फोटो एग्जीबिशन के लिए आरक्षित किया गया है, जहाँ समय-समय पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि जनजातीय इतिहास, संस्कृति और उनके योगदान को जीवंत रखा जा सके।
संग्रहालय की इस संरचना और थीम को तैयार करने का कार्य वन्य विभाग और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया गया है। इसका उद्देश्य जनजातीय समाज की गौरवशाली विरासत और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना है।