महुआ कुकीज ने देश में मचाई धूम: प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में किया छिंदवाड़ा के राजाखोह का जिक्र, इन चार बहनों की जमकर की तारीफ

481

दुर्गेश नरोटे, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश
9977886526

महुए की कुकीज ने मचाया धमाल, मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने किया छिंदवाड़ा के राजाखोह का जिक्र, की जमकर सराहना

छिंदवाड़ा- मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव राजाखोह की चार महिलाओं ने महुए के फूलों से कुकीज बनाकर पूरे देश में धूम मचा दी है। इन महिलाओं के अनोखे स्टार्टअप की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंची, जिन्होंने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इन महिलाओं और उनके समूह की जमकर तारीफ भी की।

सांसद श्री साहू ने दिल्ली प्रवास के दौरान पीएम मोदी को भेंट की थी महुए की कुकीज़:

बता दे कि बीते दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान जिले के लोकप्रिय सांसद बंटी विवेक साहू ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से व्यक्तिगत मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को पातालकोट, तामिया की बहनों के हाथों से बनी फूलों की गुलाल एवं महुआ के लड्डू और साथ ही स्वसहायता समूहों की बहनों के हाथों से बने महुआ मिलेट्स के बिस्किट भेंट किये थे। रविवार को प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में इन बहनों और उनके द्वारा बनाए गए महुआ कुकीज़ का जिक्र करते हुए इसकी जमकर सराहना की, वही इस सफलता पर सांसद श्री साहू ने स्वसहायता समूह की बहनों को बधाई दी है।

महेंद्र राय की लेखनी से मिला राष्ट्रीय पहचान:

वही ईटीवी भारत के संवादाता महेंद्र राय ने इन महिलाओं की सफलता की कहानी को अपनी लेखनी के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया था। उनकी खबर के बाद यह समूह चर्चा में आया और उनकी बात देश दुनिया तक पहुंची। आज यह महिलाओं का समूह किसी परिचय का मोहताज नहीं है। महेंद्र राय की खबरों को लेकर उनकी दूरदर्शिता की सभी ने सराहना की है।

अनोखा स्टार्टअप:

देवकी चौरे, लता मर्सकोले, नीतू अहिरवार और मंजू चौरे ने ‘अन्यका महुआ उत्पादक समूह’ बनाकर महुए के फूल से कुकीज बनाने का काम शुरू किया। इन महिलाओं ने 5-5 हजार रुपए इकट्ठे करके आदिवासी जीवन शैली से जुड़े व्यंजनों को व्यवसायिक स्वरूप देने की योजना बनाई। इसी के तहत उन्होंने महुआ के फूल से कुकीज बनाने का फैसला किया और यह आइडिया हिट हो गया।

मल्टीनेशनल कंपनी ने की मदद:

गांव की महिलाओं का जज्बा देखकर एक मल्टीनेशनल कंपनी ने सीएसआर मद से इन महिलाओं को आधुनिक मशीनें उपलब्ध कराईं। इससे पहले महिलाओं ने सात दिन की ट्रेनिंग भी ली, जिसमें कुकीज बनाने का तरीका सीखा। उनके उत्पाद के लिए आसपास के 13 गांवों के ग्रामीणों से महुआ एकत्र कराया जाता है। इससे जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार मिला है।

देश भर में डिमांड:

महिलाओं की मेहनत और लगन से उनके उत्पाद की स्थानीय स्तर पर बड़ी डिमांड है। जिला स्तर पर लगने वाले कृषि मेला, वन मेला सहित अन्य आयोजनों में इस समूह के स्टॉल को आमंत्रित किया जाने लगा है। इनके महुआ के कुकीज की डिमांड अब दिल्ली, भोपाल, हरदा, जबलपुर, सूरत, मुंबई, नागपुर सहित दर्जनों शहरों में होने लगी है। इससे समूह का व्यापार भी बढ़ रहा है।

महुए के फायदे:

जिला अस्पताल के आयुष अधिकारी डॉ. प्रवीण रघुवंशी के अनुसार, महुआ के फूल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। महुआ के फूल डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। महुए में कई चिकित्सीय गुण होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग प्रकार के स्वास्थ्य लाभ देते हैं।